बिहार के मुंगेर में हिंसा-श्रद्धालुओं पर हमला निंदनीय है विशेष लिंक पर उपलब्ध
बिहार के मुंगेर में हिंसा-श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज से गुस्साई भीड़ का पुलिस चौकी और एसपी ऑफिस पर हमला,
चुनाव आयोग ने मुंगेर के डीएम-एसपी को हटाया
20 से 25 हजार की भीड़ हुई बेकाबू,मौत के बाद जनता प्रतिशोध में उतरी सड़क पर--
-- --- --- --- --- --- --
" सत्य बोलूंगा,क्योंकि इसी देश के महान महात्मा गांधी(बापू)ने भी ऐसा ही सन्देश दिया है "
जब नेताओ को सब जायज किया गया हो,तब किसी भी धर्म की पूजा में ब्यवधान उतपन्न करना कहां तक उचित है ?
मैं हिंसा का समर्थन नही करता हूँ,लेकिन जिस तरह दोहरी नीति है,नेताओ का भीड़,सभा,भोजपत्र,भांगड़ा सब जायज किया गया,और मां के प्रतिमा निर्माण पर रोक लगाया गया,उससे पहले से ही लोग गुस्से में थे,उपड से पुलिस का हिटलर वाला रवैया लोगो को खौलाने के लिए काफी था।
नेताओ के साथ हजारो की भीड़ जायज थी,लेकिन प्रतिमा विषर्जन में दर्जनों लोग का शामिल होना पुलिस को अखर गया।
वर्दी होने का यह मतलब नही की आप गुंडागर्दी पर उतर जाएं।
मुंगेर में जिस तरह वर्दी की गुंडागर्दी सामने आई है वह शर्मनाक है।
सिर्फ डीएम एसपी को हटाने से काम नही चलेगा,दोनो के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी जरूरी है 【यह मेरी निजी राय है राजीव कुमार झा