सीतामढ़ी:सीता जी और सीतामढ़ी की उपेक्षा से आहत है मिथलांचल विशेष लिंक पर उपलब्ध।
सीता जी और सीतामढ़ी की उपेक्षा से आहत है मिथिलांचल राघवेन्द्र पाठक कार्तिकेश झा छोटे कद के लेकिन बड़े जीवट वाले नेता हैं। भगवती सीता की प्राकट्य स्थली और अपने जिले सीतामढ़ी की समस्याओं को लेकर वे हमेशा संवेदनशील रहे हैं। यही कारण है कि भाजयुमो के जिलाध्यक्ष रहे हों या अब प्रदेश से जुड़ा हुआ अन्य दायित्व, वे हमेशा जिम्मेदारियों पर खरे उतरते आए हैं। लेकिन मिजाज के विपरीत इस बार गमगीन दिखे। चर्चा हुई तो दूर तलक चली गई। एक पंक्ति में कहें तो वे भगवती सीता की उपेक्षा से व्यथित थे। वोले- रामानंद सागर ने रामायण के रूप में कालजयी धारावाहिक का निर्माण तो किया लेकिन उन्होंने मिथिला की बेटी जगत जननी मां जानकी की उपेक्षा कर दी। उन्होंने सीता जी के प्राकट्य और प्राकट्य स्थल दोनों का उल्लेख करना तक जरूरी नहीं समझा। यह मिथिला की बेटी का घोर अपमान है। उन वैदेही का जिन्होंने श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम बना दिया। स्वयं भगवान् राम ने अपने नाम से पहले उन्हें सीता-राम के रूप में स्थान दिया। कार्तिकेश कहते हैं कि किशोरी जी का इतना ही अपमान नहीं हुआ, एक मई को जानकी नवमी पर ज...